शून्य

शून्य है शक्ति
शून्य है मस्ति
शून्य में है जीवन का प्रारम्भ
शून्य में है द्वेष और अहंकार का अंत

शून्य से है शुरुआत
शून्य है उजाले से पहले की रात
शून्य में डुबकी जो लगाए, बने रोग रहित
शून्य को प्रणाम कर, आगे बढ़े प्रेम सहित

शून्य है अनिवार्य
शून्य से बने हर कार्य
शून्य से जो भिड़ोगे एक बार
शून्य से हो जायेगा प्यार

शून्य है आज़ादी का ऐलान
शून्य में है छिपा हर इंसान का पैगाम
शून्य के प्रति मत रखो भय
शून्य के बल पर पा लोगे विजय

तो कर लो शून्य से दोस्ती मेरे यार
शून्य के हैं यारों के लिए सदैव खुले द्वार

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